युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी – आजकल के युवा ( youth ) बहुत जल्दी हार मान लेते है। बस गिनचुन के कुछ ही ऐसे होते है | जो आगे बढ़ जाते है और खातीं परिश्रम करते है। लेकिन आप किसमें से हो ये आप पर निर्भर करता है। हार मानने वालो में से या मुश्किलों का सामना करने वालो में।
जो इंसान संघर्ष करने से डरता है, वो कभी भी सफल नहीं हो सकता। और जो महेनत करता है वही सफल होता है। आज की कहानियो में आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।
अगर आप एक विद्यार्थी है, तो आपके लिए hindi motivational stories for students यह काफी प्रेरणा बन सकता है। और अपने जीवन में आप इस कहानी के जरिये काफी कुछ सीख सकते है और इससे सीख के अपने जीवन में काफी अच्छा काम कर सकते है।
तो अब शुरू करते है, Motivational सबसे भेत्रिन और युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी जो आपको एक नई सीख देगी।
युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी
दोस्तों इन दोनों कहानियो को पूरा जरूर पढ़े क्युकी यह जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी है। जो आपके लिए बहुत ज्यादा लाभदायक हो सकती है।
1 कहानी – प्रेरणादायक कहानी इन हिंदी – दो पत्थर
नदी किनारे एक छोटा सा गांव बसा हुवा था। उस गांव में कोई भी मंदिर बना हुवा नहीं था। एक दिन वह के कुछ लोग इखट्टा होकर आपस में चर्चा करने लगे की अब एक बड़ा सा मंदिर बनवाते है।
तो सभी राजी हो जाते है, और वह थोड़ी दूर ही एक मंदिर का निर्मार्ण करते है। मंदिर अब पूरी तरह से बन चूका था, लेकिन अब बारी थी की मूर्ति को बनवाने के लिए किसी मूर्तिकार को बुलाना पड़ेगा।
गांव वाले 1 मूर्तिकार को बुलाते है, और मूर्तिकार से कहते है | की मंदिर के लिए एक बड़ा सा और अच्छा सा मूर्ति बनादो। वह मान जाता है, और मूर्ति बनाने के लिए नदी से दूर जंगल में पत्थर की तलाश में निकल जाता है।
जब वह कुछ दूर तक चला जाता है, तो वहा उसे 2 पत्थर दिखाई देते है। फिर उस मूर्तिकार ने सोचा की यह पत्थर तो ठीक ही लग रहे है, क्यों न में इन्ही से मंदिर के लिए मूर्ति बना लू।
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थोड़ी देर सोचने के बाद मूर्तिकार ने अपना बैग निकला और उसमे मूर्ति बनाने वाला सारा सामान भाहर निकाल लिया। और अब मूर्ति बनाने लग गया 2 या 4 बार उसने एक पत्थर पे हथोड़े से मारा तभी उसे पत्थर में से एक आवाज आयी।
पत्थर ने मूर्तिकार से कहा “तुम मुझे क्यों मार रहे हो” मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है। मुझे छोड़ दो मुझे मत तोड़ो। जब मूर्तिकार ने यह सुना तो उसने उस पत्थर को तोडना छोड़ दिया और दूसरे पत्थर के पास जाकर उसपे मूर्ति बनाने लग गया।
और काफी देर बाद उसने दूसरे वाले पत्थर पे मूर्ति बना दी और उसे गांव के मंदिर में लेकर बाहर एक साफ़ जगह पे रख दिया।
अब सभी गांव वाले उस जगह पे इखट्टे हो गए जहा पर मूर्ति राखी हुयी थी उसे देखने लगे तभी एक आदमी बोलै हमें मंदिर में मूर्ति रखते समय एक और पत्थर चाहिए जिसपे हम नारियल को फोड़ सके।
तभी मूर्तिकार को ध्यान आता है, की एक और जंगल में पत्थर है। और उसने गांव वालो को बताया तभी कुछ गांव वाले जाकर उस पत्थर को ले आये।
और उस पत्थर को भी मूर्ति के पास रख दिया। अब गांव वालो ने मूर्ति को मंदिर में रख दिया और कुछ ही दूरी पर वह पत्थर को भी रख दिया। अब और भी गांव वाले आने लगे मूर्ति की पूजा करने के लिए और एक एक करके नारियल को उस पत्थर पर मार कर उसका पानी मूर्ति पर चढ़ाने लगे।
और ये सब देख कर पत्थर ने मूर्ति से बोला तुम्हारी किस्मत कितनी अच्छी है। की तुम्हारे ऊपर नारियल का पानी चढ़ा रहे है और तुम्हे पूज रहे है। और मेरी किस्मत कितनी ख़राब है की मेरे ऊपर उस नारियल को फोड़ रहे है।
तभी मूर्ति ने बोला हम दोनों एक ही जगह पर एक ही जैसे थे। पहले तुम्हारे पास मूर्तिकार आया था। और तुम्हारी किस्मत भी अच्छी होती अगर तुम थोड़ा और दर्द सह लेते। लेकिन तुमने थोड़ा सा भी दर्द नहीं सहा और वही पर पड़े रहे।
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और मेने 1000 बार उस चोट को सहा है, जिससे मेरी किस्मत आज मुझे यहाँ पर लाइ है। और मुझे अब लोग पूजते है, ये सच है की आराम और मुस्किलो से जो बचता है | वह तुम्हारे जैसा ही होता है, और जो मेरे जैसे मुस्किलो का सामना करता है, वह एक दिन सफल जरूर होता है।
सीख – जो भी व्यक्ति मुस्किलो को हार करता है | उसे सफलता जरूर मिलती है। और वही पे जो भी मुश्किलों से डरते है भागते है | वो कभी सफल नहीं हो सकते और उनके लिए हमेशा मुस्किले बड़ी आती रहती है।
2 कहानी – राजा उसकी बेटी और राज्य की कहानी
एक नगरी में एक राजा राज्य करता था। वह बहुत ही दयालु और ज्ञानी था, लेकिन उसका कोई भी बेटा नहीं था सिर्फ 1 ही बेटी थी। उसे हमेशा एक ही ख्याल रखता की उसके जाने के बाद यह राज्य कौन संभालेगा। इस tension से वह बहुत परेशान था।
एक दिन राजा ने अपने गुरु को राज्य में बुलाया, और उनसे पूछा की में क्या करू में एक धरम संकट में फस गया हु, मेरा कोई बेटा नहीं है। बस एक बेटी है मुझे बताओ मेरे जाने के बाद ये राज्य आगे कैसे चलेगा।
यह सुनकर राजा के गुरु बोले तुम अपनी बेटी का स्वयंवर करवा लो और जो योग्य होगा वही इस राज्य को भी सभाल लेगा।
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तुम एक स्वयंवर रखो और सभी राजकुमारों को बुलाओ और उन सभी को एक जगह बैठा कर खाना खिलाओ फिर में तुम्हे बताऊंगा कोनसा राजकुमार तुम्हारे राज्य और तुम्हारी बेटी को संभालने के योग्य है।
यह बात सुनकर राजा ने सभी राजकुमारों को अपने महल में आमंत्रित किया। और इस आमंत्रित में सभीतरह के राजकुमार थे, आमिर गरीब हर जगह से आये थे।
फिर सभी को महल के एक बड़े से कमरे में बिठाया गया। और सभी को खाना दिया गया सभी राजकुमार खाना खाने लग गए और गुरु वही खड़े होकर सभी को ध्यान से देख रहे थे।
तभी जब सभी ने खाना खा लिया तो गुरु ने एक राजकुमार को राजा के सामने खड़ा कर दिया। और राजा से कहा यह राजकुमार आपके बेटी और राज्य के लिए योग्य है। राजा ने उस राजकुमार को देखा बहुत ही साधारण सा लग रहा था।
राजा ने अपने गुरु से पूछा आपको क्यों लग रहा है की यह साधारण राजकुमार ही हमारे बेटी और राज्य के योग्य है। यह सुनकर गुरु ने राजा से कहा जब सभी राजकुमार खाना खाने शुरू कर रहे थे तब कुछ राजकुमार ने ज्यादा खाना ले लिया था और कुछ ने आधे खाने को ही छोड़ दिया था।
बस एक यही राजकुमार था, जिसने अपनी थाली में एक भी अनाज का दाना नहीं छोड़ा था।
राजा ने गुरु की बात सुनी पर वो हैरान थे की खाना पूरा ख़तम करने पर कोई राज्य को कैसे सभाल सकता है। राजा के इस चहेरे को देख कर गुरु को लगा की अभी भी राजा चिंता में लग रहे है, इनके मन में काफी सवाल लग रहे है।
फिर गुरु ने राजा से कहा में जनता हु तुम्हारे मन में सवाल है। तुम इस राजकुमार से यह करने का कारण पूछो ?
फिर राजा ने युवा से पूछा – राजकुमार तुमने अपनी थाली का एक एक दाना क्यों खा लिया ? क्या तुम्हे बहुत जोरो की भूख लगी थी ?
राजकुमार ने राजा के सवाल का जवाब देते हुए कहा। हे महाराज मेरे ऐसा करने के पीछे 3 कारण है, जिसकी वजह से मुझे ऐसा करना पड़ता है। में एक साधारण परिवार से हु और जब भी हमें खाना मिलता है हम उस खाने को पूरा कहते है।
सबसे पहला कारण – हमारे पिता के प्रति आदर हमारे पिता दिन भर महेनत करके पुरे परिवार के लिए खाना जुटाते है। तो हम उनकी महेनत का अपमान कैसे कर सकते है।
दूसरा कारण – हमारी माँ का जो सुबह जल्दी उठ कर हमारे लिए खाना बनाती है। और हम उसके इस महेनत का अपमान कैसे कर सकते है ?
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और तीसरा कारण – बहुत ही महतपूर्ण है, क्युकी यह उन किसानो के लिए है | जो कड़ी धुप और ठंड में महेनत करके खेतो में अनाज उगाते है। हम उनका अपमान कैसे कर सकते है।
महाराज अब आप ही बताइये में मेने किया है वो सही है, या फिर गलत ? राजा ने जब यह सब सुना तो बहुत ज्यादा खुश हो गए। और अब उनके मन में कोई भी संका नहीं थी।
और अब राजा ने अपनी बेटी की शादी उस राजकुमार से करवा दी और कुछ समय बाद अपना राज्य भी राजकुमार को सोप दिया। और राजकुमार ने उस राज्य को बहुत अच्छी तरह से सभाला।
People Also Ask – FAQ
युवाओं को सफलता पाने के लिए क्या करना चाहिए ?
युवाओं को मोटीवेट होने के लिए सबसे पहले एक नियम बनाना चाहिए। उन्हें पुरे दिन भर क्या करना है ? वह तय करना चाइये। और फिर इनपे काम करना शुरू कर देना चाहिए। क्युकी यही सही उम्र है सफलता पाने की।
सफल इंसान कैसे बनते है।
जो इंसान अपने जीवन में समय को बर्बाद न करके कड़ी महेनत करता है। एक दिन वही इंसान सफल होता है। और अपना समय बर्बाद करता है, वो इंसान जीवन में सिर्फ संघर्षो से घिरा होता है।
युवाओं के सफलता पाने के लिए कोनसी site Best है ?
आजका के समय में बहुत से लोग युवाओं के ऊपर काफी कहानियां लिख रहे है। लेकिन आपको युवाओं के लिए Best Story सिर्फ Successpeoplestory.com पर ही पढ़ने को मिलेगा।
आशा करता हु दोस्तों आपको युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी और जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी पसंद आयी होगी। आप अपने दोस्तों के साथ भी यह share कर सकते है। और हमें Comment करके जरूर बताये की आपको कोनसी कहानी ज्यादा पसंद आयी ताकि हम आपके लिए वैसा ही और कहानियां लेकर आ सकते।
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