New जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी | Inspirational Stories in Hindi
जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी – आपको सच में motivate होना है | तो इन कहानियो को पूरा पढ़े। 100 % दोस्त आप बहुत ज्यादा positive feel करंगे और आपको बहुत कुछ सिखने को भी मिलेगा। क्युकी ये कहनिया Best Inspirational Stories in Hindi में है।
आपको ये 2 जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी सच में पसंद आने वाली है। अभी तक सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले motivation कहानियो में से ये भी एक है। जिन्हे लोग बहुत पसंद करते है और पढ़ते है, अब शरू करते है।
एक बार एक राजा के नगरी में एक सन्यासी आया और जा कर सीधे वह राजा के महेल चला गया। सन्यासी ने जो वस्त्र पहने थे वह काफी आकर्षित करने वाले थे। जैसे की एक महान ऋषि हो जब सन्यासी राजा के महल में जा रहा था, उसे किसी भी सिपाई ने जाने से नहीं रोका। और सन्यासी सीधे राजा के दरबार में चला गया।
राजा ने जब सन्यासी को अपने सामने खड़ा हुवा देखा तो उनसे पूछा “आप कौन हो ?” और हमसे क्या चाहते हो ?” तब सन्यासी ने जवाब दिया में एक तपस्या करने वाला ऋषि हु, और में तो ज्ञान बाटने के लिए किसी और राज्य में जा रहा था।
लेकिन अब शाम होने को आयी है तो आज में आपके राज्य में आ गया और अब यही महल में रात बिताऊंगा। मुझे रात बिताने के लिए थोड़ी सी जगह चाहिए।
तभी राजा हैरान होकर ऋषि से बोलै ये एक राज दरबार है |और में अपने महल में किसी अंजान को नहीं रुकने दे सकता हु। और न ही यह कोई विश्राम करने की जगह है। आप यहाँ से जाइये आपको इस राज्य में कई पे जगह मिल जाएगी वह पे रात बिताये।
सन्यासी भी बड़ा ज्ञानी था, राजा से फिर से प्रश्न करने लगा और बोला ” हे राजन क्या में जान सकता हु यह महल पहले किसका था ?”
तभी राजा ने जवाब दिया की यह महल मेरे से पहले मेरे पिता का था | क्युकी वही यहाँ के राजा थे।
फिर से सन्यासी ने कहा ओह्ह अच्छा ” अब आपके पिताश्री कहा है ?
और फिर से राजा बोला ” मेरे पिताश्री अब इस दुनिया में नहीं है ” उन्ही के बाद ही तो में राजा बना हु।”
सन्यासी ने फिर से पूछा “तुम्हारे पिता से भी पहले यह महल की राजा का था ?”
इस बात पर राजा को गुस्सा आने लगा था क्युकी सवाल पे सवाल किये जा रहे थे। सन्यासी ऋषि लेकिन राजा ने खुद के मन को सांत करके इस बार भी जवाब दिया मेरे पिता से पहले मेरे दादा जी इस महल के राजा थे। और दादा जी भी इस दुनिया में नहीं है।
फिर सन्यासी ने बोला ” यह जगह जो न ही कल तुम्हारी थी और ना ही तुम्हारे गुजर जाने के बाद ये किसी और की होगी। क्युकी इस दुनिया में इंसान कुछ ही समय के लिए आते है और फिर यहाँ से चले जाते है।
और हम जहा पे अपना समय बिताते है वही पे हमारा विश्राम स्थल होता है। और न ही तुम इस जगह को अपने साथ लेकर जाओगे और न ही कोई और अपने साथ लेकर जा सकता है। तो हे राजन बताओ अब यह महल विश्राम स्थल नहीं है तो क्या है ?
यह बात सन्यासी की सुनकर राजन थोड़ा हैरान हुवा, और सन्यासी ऋषि को हाथ जोड़कर माफ़ी मांगने लगा और सन्यासी को महल में रुकने की जगह दे दी।
इस स्टोरी की सीख जो हमे इस शॉर्ट मोटिवेशनल कहानी से मिलता है।
आज के समय में हर कोई जनता है, खाली हाथ आये और खाली हाथ ही जाना है, आज कितना भी कुछ कमा के रख लो एक दिन वह सब यही रह जायेगा। और कोई भी इंसान उसे अपने साथ लेकर नहीं जा सकता है।
जब तक आप इस संसार में जीवित है, तब तक “मैं और मेरा” लाभ और लालच के पीछे न जाए। अगर आपको जाना ही है तो खुशियों के पीछे जाओ क्युकी जीवन का असली मजा पैसो में नहीं खुश रहने में है।
आपको खुस रहना है, चाहे आपके पास पैसा हो या नहीं हो दुसरो को देख के कभी मत जलना अगर तुम खुश रहोगे तो पैसे वाले भी तुम्हे देख के जलंगे।
तुम कितना भी पैसा कमा लो उसका आनंद एक दिन कोई और ही लेगा और तुम खाली हाथ ही रह जाओगे। मेरी बात याद रखना दोस्त ज्यादा पैसा कमाओ लेकिन खुश रहकर कमाओ।
2. जिंदगी दूसरों के भरोसे नहीं चलती
काफी समय पहले की बात है एक आदमी नदी किनारे मछली पकड़ने गया था। उसने पुरे दिनभर मछली को पड़के की काफी महेनत की थी फिर भी उसके हाथ में एक भी मछली नहीं आयी।
अब साम होने को आयी थी, और एक भी मछली नहीं पकड़ पाया अब में घर खाली हाथ कैसे जाऊ। अगर ऐसा ही हुवा तो हम खाएंगे क्या ?
उस आदमी को काफी चिंता होने लगती है, बहुत सोचने के बाद वह पास ही एक मछली मार्किट चला गया। वहा से मछली खरीदने के लिए लेकिन उसने मछली बेचने वाले से कहा मुझे 4 ज़िंदा मछली चाहिए |
पर उनको में अपने काटे से ही पकड़ूंगा फिर में उन्हें खरीदूंगा यह शर्त उस आदमी ने मछली बेचने वाले से रखी।
मछली पचने बेचने वाला भी उस आदमी को देखकर काफी हैरान हुवा, और सोचने लगा बड़ा ही अजीब है इंसान है। इसे महेनत करने की क्या जरूरत है जब में इसे पकड़ी हुयी मछली दे रहा हु तो।
चलो छोड़ो मुझे क्या मछली वाले ने एक बाल्टी में पानी भरकर उसमे 9 दस मछलियां रख दी और उस आदमी को कहा ये लो तुम्हे जितनी मछलियां पकड़नी है पकड़ लो।
फिर आदमी ने अपना कटा उस बाल्टी में फेका और कुछ ही देर में उसने 1 मछली पकड़ ली, और ऐसे ही कुछ ही देर में उसने 4 मछलियां भी पकड़ ली और फिर दूकान वाले को पैसे दे दिए और मछली लेकर जाने लगा।
जैसे ही आदमी जा रहा था, मछली बेचने वाले ने पूछ ही लिया अरे भाई तुमने ऐसा क्यों किया जो मछलियां पहले से ही पकड़ी हुयी थी उसपे महेनत क्यों लगायी।
तुम्हारा पैसा तो उतना ही लगा और तुम्हारा ही समय बर्बाद हुवा इसमें तुमने ऐसा क्यों किया ?
तभी आदमी बोलै ‘मेरी इस तरह मछली पकड़ने की वजह तुम समझ नहीं पाओगे लेकिन में किसी से झूट नहीं बोल सकता। जब में अपने घर जाऊंगा मेरी बीबी और मेरे बच्चे मुझसे जरूर पुछेंगे की पापा आज कितने मछलियां पकड़ी है।
तब में उन्हें कह सकता हु की आज 4 मछलियां पकड़ी है | ऐसा करके में खुद को भी यह एहसास दिलाऊंगा की आज में नाकामयाब नहीं रहा। और कल फिर से में नए जोश के साथ मछली पकड़ने जाऊंगा। ताकि में यह न सोचु की में मछली पकड़ने में नाकामयाब रहा हु।
इस कहानी की सीख – हमें खुद पे हमेशा भरोशा होना चाहिए। चाहे परिस्थिति कैसे भी हो हमें उसका सामना करना ही चाहिए। और कभी हार नहीं माननी चाहिए क्युकी हर अँधेरे के बाद उजाला जरूर होता है।
आशा करता हु दोस्तों आपको जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी (Best Inspirational Stories in Hindi) पसंद आयी होगी। आप अपने दोस्तों के साथ इन कहानियो को share जरूर करे ताकि उन्हें भी पढ़ने को मिले। आपको कोनसी कहानी सबसे अच्छी लगी हमें Comment करके जरूर बताये।