Hindi kahani | कर्मों का फल | 99% लोगो ने यह कहानी नहीं पड़ी होगी |

Hindi kahani | कर्मों का फल | 99% लोगो ने यह कहानी नहीं पड़ी होगी – यह कहानी गुरु और शिष्य की है जो एक पहाड़ी में एक छोटे से कुटिया में रह रहे होते है, जो गुरु थे वो उनपे भविष्य ( future ) देखने की शक्ति थी।

इस कहानी से आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा क्युकी कर्मो का फल बहुत बड़ा होता है, दोस्त इस जीवन में कौन क्या करता है कैसे करता है यह सब हमपर ही निर्भर करता है तो अब सुरु करते है।

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Hindi kahani | कर्मों का फल

एक बार की बात है एक पहाड़ पर एक कुटिया थी और उस कुटिया पर एक गुरु और उसका शिष्य रहा करते थे, और उस गुरु को बहुत ही सिद्धियां प्राप्त थी और उनकी सिद्धि हर जगह प्रसिद्ध थी, वह वहां के लोगों में इतनी ज्यादा प्रचलित है कि लोग उनकी शक्तियों से भलीभांति परिचित थे, वह ध्यान में बहुत ही ज्यादा  लीन  रहते थे कई बार वह दो -दो तीन- तीन दिनों तक ध्यान में  बैठे रहते थे, पर वह कुछ खाते पीते भी नहीं थे. 

उनके ध्यान की शक्ति की खास बात यह थी कि वह ध्यान करते-करते भविष्य देखने में सक्षम थे, एक बार ऐसे ही वे ध्यान में लीन थे तो एकाएक देखते हैं, कि अगले 8 दिनों बाद उनके शिष्य की मृत्यु तय है और यह भविष्य देख कर वह अत्यधिक व्यथित हो जाते हैं, और परेशान होते हैं  उनका ध्यान एकाएक भंग हो जाता है.

और वह सारी  बातों को सोचकर  घबरा जाते  हैं और वह सोच में डूब जाते हैं, कि मेरे शिष्य के पास जीवन के केवल 8 ही दिन शेष हैं, इसके बाद गुरु अपने शिष्य के पास जाते हैं और उसे कहते हैं, की  मैं सोच रहा हूं कि तुम अगले 8 दिनों के लिए अपने परिवार के पास उनके गांव में मिलने के लिए चले जाओ यह बातें सुनकर उनका शिष्य बहुत ज्यादा खुश हो जाता है. 

और वह अपने गुरु को कहता है कि गुरु जी सच में मुझे भी बहुत दिनों से अपने परिवार वालों की याद आ रही थी, मैं भी सोच रहा था कि मैं भी अपने परिवार वालों के पास जाकर मिल लेता हूं और वह अपने गुरु से आज्ञा लेते हुए पहाड़ी से नीचे की ओर चलना शुरू कर देता है. लेकिन वह इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि उसके गुरु की आंखों में आंसू आए हुए होते हैं.

Hindi kahani । गुरु और शिष्य

वह चलते-चलते पहाड़ से जैसे ही नीचे एक समुंदर के पास पहुंचता है तो देखता है, की एक रेत के टीले के पास चीटियों का घर था और उस घर से बहुत सारी चींटियां बाहर की तरफ आ रहे थे, और बहुत सारी चींटियां अंदर की तरफ जा रहे थे चीटियां आपस में बार-बार टकराकर अपनी दिशा को खो देती थी. 

और उसके बाद फिर से इधर-उधर चलना शुरु कर देती थी, यह देखकर उस शीशे को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था, लेकिन वह एकाएक देखता है कि समुद्र की लहरें बहुत तेजी से उफान खा रही थी, और शिष्य को समझ आ जाता है, कि कुछ ही पलों के अंदर यह सारा पानी चीटियों के घर में घुसकर उनका घर को तोड़ देगा और इसकी वजह से बहुत सारी चीटियों की जान चली जाएगी. 

वह अपनी समझदारी दिखाते हुए अपने ऊपर वाले वस्त्रों को खोलता है, और उसके अंदर रेत भरकर एक तरह की चारदीवारी उस चीटियों के घर के ऊपर बना देता है चार दिवारी इस तरह से बनाता है, कि समुद्र से आने वाला पानी उनके घर तक  ना पहुंच सके साथ ही साथ वह अपनी समझदारी दिखाते हुए एक तरह की नाली बनाता है.

Hindi kahani | Life बदल देगी

जिसकी वजह से वह समुद्र की तरफ से आने वाला पानी  उस नाली में बहकर  दोबारा समुद्र में  जा सकता है, इस समझदारी की वजह से बहुत सारी चीटीयो की जान बचा लेता है, और आने वाली एक नाव में बैठकर अपने घर की ओर समुद्र पार करके निकल जाता है वह अपने परिवार के साथ आता है .

और उसे पता भी नहीं चलता कि कैसे समय गुजर जाता है वह अपना सामान बांध कर सोचता है, कि अगले दिन मैं अपने गुरु के पास वापस चला जाऊंगा अगले ही दिन में सुबह-सुबह वह अपने गुरु के पास जाने के लिए निकल जाता है .

वहां उसके गुरु  कुटिया में बहुत ही ज्यादा दुखी होते हैं उनको लगता है, कि उनके शिष्य के 8 दिन पूरे हो गए अब तक तो मेरा शिष्य  इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका होगा वह गुरु उसके दुख में होते हैं कि एकाएक वह देखते हैं, कि कोई मनुष्य उनकी कुटिया की ओर आ रहा है वह जब ढंग से देखते हैं, तो उनको पता चलता है कि यह  तो उन्हीं का शिष्य है जो उनकी ओर चला आ रहा है वह दौड़कर एकाएक अपने शिष्य के गले लग जाते हैं.  

Hindi kahani । कहानियां

और अपने शिष्य का हाल-चाल पूछते हैं और शिष्य यह देख  कर चौक जाता है,  गुरु को समझ नहीं आता है कि कैसे उनका देखा हुआ भविष्य गलत हो गया वह अपने शिष्य से पूछते हैं, कि बेटा तुमने इन 8 दिनों में क्या-क्या किया शिष्य अपने परिवार के साथ बिताए हुए सारे पलो के बारे में बता देता है. 

लेकिन उसके गुरु को ऐसा कुछ भी इन  8 दिनों में खास नहीं लगा फिर शिष्य  कहता है कि मैं आपको एक बात बताना भूल गया जब इस पहाड़ी से मैं नीचे समुद्र की ओर गया था, तब मैंने ऐसे ही एक चीटियों की जान बचाई थी उसके बाद गुरु समझ जाते हैं, कि उसके कर्मों की वजह से ही वह शिष्य बच पाया था .

और गुरु एकाएक कहते  हैं कि कर्म जरूर लौट कर आते हैं तो साथियों इस कहानी से हमें यह  सीख मिलती है,  जीवन में हमेशा  ऐसे कर्म करो जो कि कभी लौट कर भी आए तो आपका भला ही करें हमारे कर्म हमेशा लौट कर वापस जरूर आते हैं |

तो हमेशा ध्यान रखें किसी का भी बुरा ना सोचें ना ही किसी का बुरा करे सब का भला सोचे और यदि कोई बुरा भी करता है, तो उसको भगवान के भरोसे छोड़ दे क्योंकि भगवान सभी ना सभी को एक दिन सब का कर्म जरूर लौट आते हैं |

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दोस्तों आशा करता हु आपको Hindi kahani | कर्मों का फल कहानी पसंद आयी होगी और काफी कुछ सिखने और समझने के लिए मिला होगा, ऐसे ही कहानी पढ़ने के लिए website को save जरूर करे और अपना एक comment जरूर करे आपका धयन्वाद।

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