Motivational story for students in hindi 2022 | मोटिवेशनल कहानी

motivational story for students in hindi – मोटिवेशनल कहानी को पढ़ने के बाद हमारे जीवन में कभी ऐसी गलतिया न हो जो कहानियो में होती है, इसलिए यह कहानी पढ़ने के बाद हम अपनी गलतियों को सुधार सकते है।

अगर आप विद्यार्थी (Students) है तो इस कहानी को पूरा पढ़ना क्युकी आने वाले समय के लिए इस कहानी से आपको अच्छी सीख जरूर मिलेगी, और कभी जीवन में ऐसी गलतिया नहीं करोगे जो कहानी द्वारा बताई जाती है।

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Motivational story for students in hindi

पहेली कहानी – सोने का फल :

यह कहानी है एक पिता और बेटे की जो अपनी जिंदगी काफी अच्छी तरीके से गुजर बसर कर रहे थे, यह मान ले कि वह एक मध्यमवर्गीय परिवार के थे |

एक दिन की बात है कि दोनों बाप बेटे घर से शहर की तरफ जाने को निकले परंतु रास्ते में उन्हें कुछ बच्चे कीचड़ (Mud) में बहुत ही उत्सुकता से कुछ ढूंढते हुए, दिखाई पड़े जब यह बात उस आदमी ने उन बच्चों से पूछा तो उन्होंने उसे कुछ भी जवाब नहीं दिया |

उस आदमी ने फिर से वही सवाल उन बच्चों से पूछा कि तुम आखिर इतनी कीचड़ में क्या ढूंढ रहे हो, तब उन सभी बच्चों में से एक बच्चा बोला कि हम यहां सोने (Gold) का फल ढूंढ रहे हैं |

जैसे ही उस व्यक्ति को देश छोड़ने का फल होने की बात सुनी उसके मन में भी लालच आ गया, और वह यह सोचने लगा कि अगर यह सोने का पल हमारे पास आ जाए तो हम अमीर हो जाएंगे |

इससे मेरा और मेरे बेटे दोनों का ही भविष्य सुधर जाएगा, और वह बुढ़ापे में सुख का जीवन व्यतीत करेगा ऐसे सपने खुली आंखों से देखने लगा, फिर उसने लालच में आकर कीचड़ में अपने बेटे को भेजने की सूची परंतु उसके बेटे ने वहां जाने से मना कर दिया |

लेकिन फिर भी अपने लालच (Greed) के कारण उसने अपने बेटे को डांटते हुए भेजा तब उसका बेटा बोला कि पिताजी मुझे यह पल नहीं चाहिए, परंतु उस व्यक्ति के अंदर  सोने के फल का लालच इतना बढ़ गया फल के कारण उसने अपने  बेटे की एक नहीं सुनी और उसे कीचड़ में भेज दिया |

जब उसका बेटा कीचड़ में फल लेने के लिए उतरा तो उसे उसे पेड़ के और करीब जाने को कहा परंतु आगे जाते हुए  कीचड़ और पेड़ के बीच में दलदल था |

और वह बच्चा आगे जाते जाते उस दलदल  मैं पहुंच गया परंतु उस बालक ने अपने  पिता के लिए वह पर लाने के लिए दलदल (marsh) में काफी हाथ-पैर मारे ताकि वह पेड़ के और करीब जा सके |

परंतु वह आगे ना जाकर नीचे की ओर धसा जा रहा था जिस कारण उसने अपने पिता को आवाज दे लेकिन उसके पिता को लगा कि उसका बेटा आगे ना जाने के लिए नखरे कर रहा है |

तो उसे अपने बेटे से कहा कि कोशिश करो और बच्चे भी तो कर रहे हैं अगर वह कर सकते हैं, तो तुम भी अवश्य ही कर लोगे फिर बच्चे ने पिता की बात को सुनकर आगे बढ़ने का प्रयास किया परंतु इस बार वह पूरा दलदल में धंस गया |

लेकिन जब तक उसके पिता को यह एहसास हुआ कि उसके बेटे का जीवन खतरे में हैं, तब तक उस बालक की मृत्यु हो चुकी थी और उसके पिता यह जानकर रोने बिलखने लगा |

फिर उसे एहसास हुआ कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी एक सोने के फल के लालच में उसे सही गलत दिखाई ही नहीं दिया, और उसके बेटे के मना करने के बावजूद भी उसे उसे कीचड़ में जाने के लिए विवश किया जिसका परिणाम हुआ कि जो उसके पास था वह भी उसे खो दिया |

ज्ञान की बात –

तो साथियों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि लालच बुरी बला है साथ ही यह भी सीख मिलती है, कि सफलता के मार्ग में चाहे कितनी ही रुकावट क्यों ना हो परंतु जीत तभी हो सकती है |

जब हम shortcut को ना अपना कर आराम को छोड़कर कठिन परिश्रम वाला मार्ग चुने जो थोड़ा लंबा जरूर होगा, लेकिन फलदाई होगा जब व्यक्ति कठिन रास्ते को न चुनकर आराम के पीछे भागता है |

और अंत में वह देखता है कि जो उसके पास था वह भी उसे खो दिया इसी कारण से सभी व्यक्तियों को शॉर्टकट पर निर्भर ना होकर, अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर कठिन मार्ग का अनुसरण करते रहना चाहिए, ताकि अंत में आपको सुख ही सुख मिल सके |

दूसरी कहानी – कर्मों के फल :

यह कहानी कर्मों के फल पर आधारित है एक गांव हुआ करता था जहां पर आश्रम था, जहां बहुत से सन्यासी रहा करते थे, और आश्रम का जो द्वारपाल था वह बहुत ही दयालु आदमी था और वह गरीब लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता था |

अपने काम करने के पश्चात जो उसे तनख्वाह मिलती थी वह उसे गरीब लोगों की सेवा के लिए खर्च कर देता था, गरीबों में से एक किसान था जिसकी पिछले साल के मुताबिक इस साल सेब की फसल बहुत अच्छी हुई थी, परंतु उसने सबसे पहले सेब को आश्रम के द्वारपाल को देने की सोची क्योंकि वह बहुत दयालु था |

और मुसीबत के समय उस द्वारपाल नेही किसान की काफी मदद की थी तो किसान उसे फलों को भेंट मैं देकर उसका शुक्रिया अदा करना चाहता था, जिस कारण से उसने वह फल आश्रम के द्वारपाल को देने की सोची उस द्वारपाल ने वह फल स्वीकार तो कर लिए परंतु वह संकोच में पड़ गया

Motivational story for students in hindi with moral

कि आखिर मैं यह फल कैसे स्वीकार कर सकता हूं तब उसने वह फल आश्रम के महंत को भेंट स्वरूप दिए, और वहां से चल दिया परंतु आश्रम के जो महंत थे वह भी काफी ज्ञानी थे |

और दयालु थे उन्होंने सोचा कि मैं यह फल कैसे खाऊं तब उन्होंने अपने सबसे प्रिय शिष्य को वह फल आशीर्वाद के तौर पर दिए अब यहां बारी आई शिष्य की जो बहुत बुद्धिमान था |

उसने फल जैसे ही खाने के लिए लिया उसे याद आया कि क्यों ना यह फल रसोइए को दे दे जो आश्रम का खाना बनाता था, क्योंकि वह काफी दिनों से बीमार था उसने यह सोचा की इन फलों की जरूरत मेरे से ज्यादा उस बूढ़े बीमार व्यक्ति को है |

उसने यह फल उस रसोईया को दे दिए और वहां से चल दिया रसोईया ने जब यह है, लाल रसीले सेबो को देखा तो उसने सोचा कि क्यों ना यह फल उस व्यक्ति को दिए जाएं जो हमारी तन मन से सुरक्षा करता है |

और उस बूढ़े व्यक्ति ने वह फल लाकर उस द्वारपाल को थमा दिए और वह द्वारपाल उन सेबो को देखकर मुस्कुरा दिया और सोचने लगा कि यह तो वही फल है, जो  मैंने आश्रम के महंत जी को दिए थे और वह समझ गया कि यह सिर्फ फल की टोकरी नहीं है |

अपितु भगवान का आशीर्वाद है और सेब की टोकरी को स्वीकार्य कर लिया यह कहानी से हमें यह सीख मिलती है, कि हम कोई भी कर्म क्यों ना करें उसका फल हमें जरूर मिलता है |

और जो हमारे नसीब में लिखा है वह घूम फिर कर हमारे पास अवश्य आता है, चाहे कोई कितना ही गलत क्यों ना करें परंतु हमें अपने कर्तव्यों से अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना जरूरी है |

क्योंकि यह हमारे कर्मों का एक हिस्सा मात्र है और यही कर्म उस फल पर आधारित है, यानी कि जैसा कर्म  हम  करेंगे वैसा फल हमें अवश्य मिलेगा अगर हम किसी का भला करते हैं |

तो भलाई घूम फिर कर हमारे पास अवश्य आती है ईश्वर किसी न किसी तरीके से हमारी सहायता के लिए अवश्य आते हैं, और यदि हम गलत कार्य करते हैं या किसी को परेशान करते हैं |

Motivational story for students in hindi short

तो यह कर्म भी हमारे पास अवश्य लौट कर आते हैं कर्मों को अच्छा या बुरा करना हमारे हाथ में होता है, अगर हम अच्छे कर्म करते हैं तो उसका फल भी अच्छा ही होता है, और वह घूम फिर कर हमारे पास अवश्य आता है |

और यदि हम गलत कर्मों को करते हैं या किसी को परेशान करते हैं, अथवा हमारे द्वारा किए गए कार्य से किसी को हानि हो तो इन कर्मों से बचते हुए चलना जरूरी होता है |

क्योंकि आज नहीं तो कल यह कर्म हमारे पास लौट कर अवश्य आते हैं, इसलिए कोशिश हमेशा ही करनी चाहिए कि हो सके तो किसी की सहायता करें किसी की मुसीबतों को ना बढ़ाएं |

दोस्तों आशा करता हु आपको यह motivational story for students in hindi मोटिवेशनल कहानी पसंद आयी होगी, इस कहानी को आप शेयर जरूर करे और अपना कीमती Comment हमें जरूर करे हमें बताये कहानी कैसे लगी है आपको आपका धन्यवाद।

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