Short Moral Story in Hindi | प्रेरणादायक कहानी छोटी सी 2022

आज की Short moral story in hindi  मैं आपको कुछ खास कहानी पढ़ने को मिलेगी इस कहानी को पढ़ने के बाद यकीन से मैं कह सकता हूं कि आप बहुत कुछ  सीख जाएंगे, अपने इस जीवन के बारे में कोई भी अपना काम अधूरा छोड़ा है, तो आप यकीन मानिए इस  Short moral story को पढ़ने के बाद उसे पूरा जरूर करेंगे तो यह कहानी आपको पूरी जरूर पढ़नी चाहिए |

आज के समय में हर इंसान को Motivate होना जरुरी है, अगर आप हर दिन motivational story या Quotes भी पढ़ते है तो आपका दिन उसी तरह जाता है और काम भी उसी तरह से होता है।

हमारा एक ही लक्ष्य है आपको हर समय motivate करना इसी लिए आज की कहानी में भी कुछ इसी तरह की सीख आपको मिलेगी, लेकिन short moral story को आपको खुद भी समझना होगा जिस्सकी वजह से आपके mind में कई तरह के दरवाजे खुल जायँगे आप काफी कुछ सोचने लगोगे।

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Short moral story in hindi

एक बार वैज्ञानिक जंगल में घूमने जाता है और वहां से एक टिड्डे को पकड़ कर लाता है, और उस टिड्डे को अपनी  लैब में लेजाकर उसमें प्रयोग करने की कोशिश करता है लैब में टेस्ट करने से पहले उस टिड्डे को अपनी आवाज के जरिए छलांग लगाना सिखाया |

कई दिनों तक उसे अपनी आवाज के जरिए छलांग लगाना सिखा दिया, वैज्ञानिक टिड्डे को जोर से बोलता की कूदो तो वह टिड्डा  काफी दूर तक छलांग लगाता, यह देखकर वैज्ञानिक भी काफी खुश होता की और मेरी आवाज पर सिर्फ  कूदो बोलकर ही छलांग लगा देता है |

अब उस पर वैज्ञानिक ने experiment (प्रयोग) करना शुरू कर दिया,  पहले तो वैज्ञानिक ने जब टिड्डे से बोला कूदो तो टिड्डा काफी दूर तक कूद गया, उसके बाद वैज्ञानिक ने टिड्डे की एक टांग को तोड़ दिया |

फिर उसे बोला कूदो तो वह टिड्डा पहले से थोड़ा कम कूदा,  फिर से वैज्ञानिक ने टिड्डे  की एक और टांग तोड़ दी और फिर उसे दोबारा से बोला कूदो तब टिड्डे की पहले से कूदने की शक्ति और कम हो गई |

वैज्ञानिक नहीं हो देखते हैं उसकी एक और टांग तोड़ दी फिर उसे बोला तू तो ठंडा इस बार और भी कम खुदा आखिर में  वैज्ञानिक ने टिड्डे की बची हुई लास्ट टांग भी तोड़ दी और वैज्ञानिक ने कितने से फिर से बोला कूदो इस बार टिड्डा  कूद नहीं पाया वह एक ही जगह पर रुक गया |

और यह देखकर वैज्ञानिक ने अपना प्रयोग अपनी एक डायरी में लिखा क्या आप बता सकते हैं उसने उस डायरी में क्या लिखा होगा ?  उस वैज्ञानिक ने अपने डायरी में लिखा था जब टिड्डे की एक टांग तोड़ी गई तब वह बहरा हो गया और जब उसकी दूसरी टांग थोड़े गई और ज्यादा बहरा हो गया |

उसके एक-एक करके जब  टांग टूटती रही तो वह बहरा होते गया, और जब उसकी आखरी टांग भी टूट गई तो वह पूरी तरह से बहरा हो  गया था |   उस पर जोर-जोर से चिल्लाने का भी कोई असर नहीं हो रहा था, मैं उसे बार-बार बोल रहा था कि कूदो फिर भी वह नहीं खुद रहा था इसलिए वह पूरी तरह से बहरा हो गया था |

इस कहानी को पढ़ने के बाद आपको इसी लग रहा होगा कि वह वैज्ञानिक मूर्ख था, इतनी सिंपल सी बात उस वैज्ञानिक को समझ नहीं आई कि अगर टिड्डे  की टांग तोड़ दी जाए तो वह खुद नहीं सकता आप यही भी सोच रहे होंगे, कि कुत्ते की टांग तोड़ने के बाद वह खुद नहीं पा रहा था ना कि वह बहरा हो रहा था |

तो दोस्तों हमारा जीवन भी कुछ ऐसा ही चल रहा है हम भी लोगों की बातों में आकर मूर्ख बन जाते हैं. अगर हमें कोई अच्छी चीजें ही बता रहा होता तो आप उसकी बात को अनसुना कर देते हैं, और आगे कुछ ऐसे राह में चले जाते हैं जो राह में हमें नहीं जाना चाहिए |

आपको क्या लगता है ? दोस्तों इस कहानी में ऐसा क्या था, पहली बात तो आपको सोचना चाहिए आखिर में और वैज्ञानिक के बीच में ऐसा क्या था, हम एक बार आपकी जो समझ में आ रहा है वह हमें कमेंट करके जरूर बताना |

अपने आप को कभी भी दोष नहीं देना चाहिए अगर आप कोई काम कर रहे हैं, तो उस काम को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए  हां आप किसी की राय जरूर ले सकते हैं, अगर आप किसी काम में बीच में फस रहे हैं तो नहीं तो आपने जो रास्ता चुना है उस रास्ते पर आगे बढ़ते रहिए, आज नहीं तो कल आपको सफलता जरूर मिलेगी |

यह दोस्तों एक छोटी सी Short moral story in hindi  है, जो आपको कुछ बातें सोचने पर मजबूर कर रही है हो सकता है, आपके मन में इस कहानी को लेकर कुछ question होतो आप नीचे कमेंट बॉक्स में  कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं, यही नहीं आप अपने जीवन के बारे में या  आप उदास हो और क्यों हो उसके बारे में हमसे बात कर सकते हैं,  साथ ही  हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करें ताकि हर एक पोस्ट का नोटिफिकेशन आप तक पहुंचा रहे |

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