Motivational Inspirational Story in Hindi | संघर्ष से सफलता की ओर
Motivational inspirational Story in Hindi – आज आपको 2 ऐसी कहानी बता रहा हु जो आपके जीवन में बदलाव ला सकता है जीवन में सफल होने के लिए यह कहानी बहुत ही जबरदस्त है।
कैसे आप अपने जीवन की राह को चुनते है कैसे उसे आगे बढ़ाते है, और किस तरह से अपने जीवन में संघर्ष करते है। सब कुछ आप पर ही निर्भर करता है।
इन 2 कहानियों को जरा ध्यान से पढ़ना इनसे ही आप अपने जीवन की राह को तय कर सकते है तो Short motivational Story को शुरू करते है।
1. साधु बाबा की कहानी : जीवन को सीख देने वाली | Short Story About Life
यह घटना उन दिनों की है, जब एक वर्ध्य साधु गाँव के बाहर वन में अपनी कुटिया की ओर जा रहा था। उसका रास्ता बाज़ार के पास से होते जा रहा था, और वर्ध्य साधु बाज़ार की ओर देख रहा था। उनकी नजर एक दुकान में रखी हुई बहुत साड़ी टोकरियों पर पड़ी, जिनमें बहुत सरे खजूर रखे हुए थे।
खजूर की मिठास ने साधु को काफी आकर्षित किया, उनका मन खजूर खाने की इच्छा से उमड़ आया, लेकिन उनके पास बिलकुल भी पैसे नहीं थे। उन्होंने अपनी इच्छाओं को नियंत्रित किया और कुटिया की ओर प्रस्थान करने लगे ।
हालांकि, कुटिया पहुँचने के बावजूद उनकी दिलचस्पी खजूर में बनी रही। खजूर के बिना उनकी सोचने की क्षमता काफी कम हो गई, और रात में वह खजूर के बारे में ही सोच रहे थे जिसकी वजह से रात बार सो नहीं सो सके ।
अगले दिन सुबह, जब वह उठे, तो उन्होंने पैसे कमाने के तरीकों को सोचना शुरू किया ताकि वह खजूर खरीद सके। उन्होंने सोचा कि वह सूखी लकड़ियों को इखट्टा करके ओर फिर बेच करके पैसे जुटा सके। इसलिए उन्होंने जंगल में जाकर जाकर सूखी लकड़ियों की कटाई शुरू की।
बहुत सारी लकड़ियाँ इकट्ठी करने के बाद, उन्होंने उन्हें गठ्ठर में बाँधकर कंधों पर उतारने का निश्चय किया और बाज़ार की ओर चले गए ।
गठ्ठर बहुत भारी था और उन्हें बाज़ार तक पहुँचाने में काफी तकलीफ हो रही थी, लेकिन साधु ने संघर्ष किया और आगे बढ़ते रहे । कुछ ही समय में, उनके कंधों में दर्द होने लगा |
इसलिए उन्होंने थोड़ी देर के लिए विश्राम किया। बाद में, वह फिर से अपने संघर्ष को जारी रखकर लकड़ियाँ उठाने लगे । इस प्रकार, वह रुक-रुक कर बाजार तक पहुंच गए।
बाज़ार में, उन्होंने सभी लकड़ियाँ बेच दी और अब उनके पास काफी पैसे थे जिनसे वह खजूर खरीद सकते है। वे बहुत खुश हुए और खजूर की दुकान पर पहुँचा। उन्होंने अपने इकट्ठे किए हुए पैसों से खजूर खरीद लिए और फिर वापस अपनी कुटिया की ओर बढ़ने लगे।
इस बीच, कुटिया की ओर जाते समय उन्हें थोड़ा सोचने का समय भी मिल गए, उनके मन में यह विचार आया कि खजूर खाने की इच्छा सिर्फ एक पल के लिए है।
ओर कल को शायद किसी अन्य वस्तु की इच्छा उत्पन्न हो जाए, जैसे नए वस्त्र, घर या स्त्री तब साधु ने अपनी इच्छाओं के बदलते स्वरूप को समझ लिया और उनके प्रति विवश नहीं होने का निर्णय लिया।
इस तरह से फिर साधु ने खजूर खाने की इच्छा को त्याग दिया और उनके पास से एक गरीब व्यक्ति गुजर रहा था। साधु ने उसे अपने पास बुलाया और सभी खजूर उसे दे दिए इस तरह से वर्ध्य साधु ने अपनी इछाओ का त्याग किया।
सीख – अगर हम अपनी इच्छा को पूरा करते रहेंगे तो एक दिन उसका गुलाम बन जायँगे क्युकी कभी इच्छा अच्छी भी होती है और बुरी भी अगर तुमने अपनी इच्छाओ को Control कर लिया उसे अपना गुलाम बना लिया तो तुम्हे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
Motivational inspirational Story in Hindi की दूसरी कहानी को शुरू करते है। जरा ध्यान से पढ़ना दोस्तों और कुछ नया सीखो।
2. राजा का सवाल | King Short Story About Question
काफी समय पहले की बात है, एक राज्य में एक राजा का राज करता था। वह अक्सर यह सोचता था रहता कि मैं राजा क्यों बना ? एक दिन उसने इस सवाल का उत्तर जानने के लिए अपने राज्य के विशेषज्ञ ज्योतिषियों को आमंत्रित किया।
जब सभी ज्योतिषिय आये तब राजा ने इस प्रश्न को उनके सामने रखा, “जिस समय मेरा जन्म हुआ, ठीक उसी समय कई अन्य लोगों का भी जन्म हुआ होगा। लेकिन सभी में से मैं ही राजा क्यों बना?
इस मुद्दे का समाधान ज्योतिषियों के पास भी नहीं था। एक वर्ध्य ज्योतिषी ने सुझाव दिया कि राजा को राज्य के बाहर स्थित वन में रहने वाले एक महात्मा से मिलने जाना चाहिए, शायद उनसे उत्तर मिल जाए ।
राजा ने तुरंत उस महात्मा से मिलने की योजना बनाई और जब राजा महात्मा के पास पहुंचे, तो देखा कि वो अंगारे खा रहे हैं। महात्मा को देख के राजा बहुत ही आश्चर्यचकित हुए, लेकिन राजा को सिर्फ अपना सवाल का उत्तर मिलना चाहिए। इसलिए वह बिना किसी अन्य बात किए महात्मा के सामने अपना प्रश्न रख देते है ।
महात्मा ने राजा के प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया, कहते हुए की “राजन! मैं भूख से बेहाल हूँ और मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर अभी नहीं दे सकता। कुछ दूरी पर एक पहाड़ी है, उस पर एक और महात्मा रहता है, शायद वह तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे सके। तुम जाकर उनसे मिलो।
Motivational inspirational Story in Hindi For Success
राजा ने समय बर्बाद किए बिना दूसरे महात्मा से मिलने का निर्णय किया। वहां पहुँचकर उसने देखा कि वह महात्मा चिमटे से अपना ही मांस खा रहे हैं। राजा ने फिर से अपने प्रश्न को दोहराया, और महात्मा ने कहा, “राजन! मैं भूख से तड़प रहा हूँ और मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकता।
पहाड़ी के नीचे एक गाँव है, वहां एक 5 साल का बच्चा बीमार है, और उसकी मृत्यु होने वाली है। तुम उसके पास जाकर उससे अपने प्रश्न का उत्तर जान सकते हो।
तुरंत राजा गाँव की तरफ चले गए और जाकर बच्चे से मिले, जो मरने की दिशा में था। बच्चे ने राजा के प्रश्न को सुनकर हंसना शुरू किया, और राजा चकित रहने पर उसके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा।
कुछ देर बाद बच्चे ने कहा, “हे राजन ! पिछले जन्म में मैं तुम, और वो दो महात्मा जिनसे आप पहले मिल चुके हो, वे सभी हम भाई थे। एक दिन हम सभी भाई मिलकर भोजन कर रहे थे, तभी एक साधु आये और भोजन की मांग करने लगे ।
सबसे बड़े भाई ने कहा कि उन्हें भोजन दिया जाएगा, परन्तु क्या ये अंगारे कहेंगे ? और आज वह अंगारे खा रहा है। दूसरे भाई ने कहा कि उसे भोजन दिया जाएगा।
तो क्या वह अपना मांस काटकर खाएगा ? और आज वह अपना ही मांस खा रहा है। जब साधु ने मुझसे भोजन मांगा, तो मैंने कहा कि अगर मैं उसे खाकर भूखा मर जाऊं, तो क्या उसका कोई फायदा होगा ?
और आज मैं मरने के कगार पर हूँ, परन्तु आपने उस साधु की मदद की और साधू को भोजन दिया उस पुण्य के कारण आप इस जन्म में राजा बने हो।
इस तरह से बच्चे के उत्तर से राजा को अपने प्रश्न का जवाब मिल गया। फिर राजा काफी खुश हुवा और अपने राज्य की ओर प्रस्थान करने लगे।
सीख – अगर तुम जीवन में दुसरो के लिए अच्छा करोगे तो एक दिन वापस वो तुम्हे ही मिलेगा। तो दोस्तों हमेशा दुसरो की सहायता करो ताकि तुम्हारे कर्म अच्छे बने रहे।
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