आज आपको Motivational kahani in hindi और Mindset Acchi si kahani पढ़ने के बाद काफी कुछ सिखने को मिलेगा, क्यकि हम कहानी के द्व्रारा लोगो को जागरूक करना चाहते है. जिससे वह जीवन में सही राह पर चल सके और अपना Mindset कर सके।
Motivational kahani in hindi और Mindset Acchi si kahani
इस स्टोरी में जो भी हमें सीखने को मिलेगा वह हमारे जीवन में बहुत लंबे समय तक काम आएगा, और यह एक छोटी स्टोरी है जो आपको सही रह पर ले जायेगा।
आपको बता दें राजा और उसके वजीर की स्टोरी है, जो वजीर था वह राजा का सबसे पुराना आदमी का सबसे भरोसेमंद आदमी था, राजा एक बार अपने परिवार पर सक कर सकता है, लेकिन अपने वजीर पे कोई सक नहीं करता है, इसी वजह से वजीर की कही हुई बातों को आंख बंद करके भरोसा करता था।
उनका भरोसा 30 सालों का था अभी तक जितने भी वजीर ने राजा के लिए डिसीजन लिया था, वह सारा का सारा सही था वजीर राजा के लिए सब कुछ सही करने के लिए अपने फैमिली को भी टाइम नहीं देता था, ताकि वह अपने राजा को खुश कर सके यहां तक कि दरबार के मंत्री और सेनापति भी वजीर और राजा की दोस्ती से चलते थे |
वह दोनों की दोस्ती इतनी क्यों है राजा ऐसी दोस्ती हमारे साथ क्यों नहीं करता, इसी वजह से वजीर को राजा के सामने बाकी लोग बदनाम करने की कोशिश करते रहते थे, जो कि वह कभी कामयाब नहीं हो पाए।
आप लोग जानते हैं ना अगर कोई भी लंबे समय तक काम करते रहे करते रहे करते रहे, उसका काम कभी विफल नहीं होता वह हमेशा आगे को Success ही पाता है, लेकिन दरबार में मंत्रियों ने राजा के सामने नकली प्रूफ बनाकर राजा को दे दिया और कहा की आपका वजीर आप के खिलाफ साजिश कर रहा है और आपकी कुर्सी पर बैठने की साजिश में बिजी है, आपके दुश्मनों के साथ इस साजिश को अंजाम देने वाला है ।
राजा ने इनकी बात को मान लिया क्योंकि इन लोगों ने कभी भी कोई ऐसा कुछ गलत काम नहीं किया था, इसलिए राजा ने इनकी बात को मान लिया बिना वजीर के सफाई दिए बिना राजा ने वजीर को मौत की सजा सुना दी, उस समय पर फांसी की सजा इस तरह से होती थी एक घेरा होता था, जिसमें शिकारी कुत्ते होते थे जिसको भी मौत की सजा होती थी इन कुत्तों के सामने उसको फेंक दिया जाता था, और यह शिकारी कुत्ते उस व्यक्ति को नोच नोच के खा जाते थे।
जब यह सजा वजीर ने सुनी तो उसने राजा से एक Request की सिर्फ मेरे सजा को 10 दिन के लिए रोक दीजिए, में जिन लोसो से पैसा उधार लेता हूं मैं सिर्फ उनको उनका पैसा वापस लौटा सकूं और मेरी जो जमीन जाइज़ात है, मैं अपने बच्चों को एक बराबर बाट दू ताकि वह आपस में कभी लड़ाई नहीं करें राजा ने वजीर की बात सुनकर उसकी आखिरी इच्छा को स्वीकार कर लिया, और फांसी की सजा को 10 दिन तक रोक दिया।
वजीर जल्दी से अपने घर को भागा और अपने घर से 100 सिक्के सोने के उठाकर उस शिकारी के पास पहुंचा, जो कुत्तों को संभालने का काम करता था वही कुत्ते जो 10 दिन बाद इस वजीर को खाने वाले हैं, वजीर ने शिकारी से बस इतना कहा 100 सिक्के देने के बाद की जो 10 दिन बाद यह कुत्ते मुझे खाने वाले हैं बस 10 दिन के लिए मुझे यह कुत्ते दे दो देखभाल करने के लिए शिकारी ने हां बोल दिया, क्योंकि शिकारी को 100 सोने के कॉइन मिल रहे थे।
क्या होना था वजीर ने 10 कुत्तों को 10 दिन के लिए खाना वाना सब कुछ खिलाया, और उनकी काफी अच्छी देखभाल भी करी और कुत्तों के साथ खेलता भी था कुत्ते भी वजीर के हाथों से ही अब खाना खाने लगे थे, आप जानते हो कुत्ते ऐसे होते हैं अगर आप उनके लिए कुछ भी करते हो तो वह आपको भूलते नहीं है उनको सब कुछ याद रहता है।
जब 11 दिन हुआ तब राजा ने वजीर के हाथ पैर बांदवा दिए और उन कुत्तों के सामने वजीर को फेंक दिया, ताकि वह शिकारी कुत्ते उस वजीर को खा लें तभी शिकारी कुत्ते एकदम से वजीर की तरफ झपटे उसे खाने के लिए नहीं उसके साथ खेलने के लिए सब के सब कुत्ते वजीर को अपना प्यार दिखा रहे हैं, और साथ में खेल रहे थे, सभी लोग यह देखकर अचंभित हो गए कि यह शिकारी कुत्ते वजीर को खाद क्यों नहीं रहे हैं।
Motivational kahani in hindi और moral kahaniyan
यह कुत्ते तो इतने खूंखार हैं कि उनके सामने अगर कोई भी आ जाए तो उसे यह खा जाते हैं, यह देखने के बाद राजा ने वजीर से कहा कि यह सब क्या हो रहा है तब वजीर ने बताया हे महाराज मैंने सिर्फ 10 दिन इन कुत्तों की देखभाल करी है, इसलिए यह कुत्ते मुझे मारने के बजाय मेरे साथ प्यार से खेल रहे हैं और मुझे प्यार दे रहे हैं, और मैंने आपकी सेवा 30 साल तक की आपने मेरे दुश्मनों की बातों में आकर मुझे फांसी की सजा दे दी यह सुनते ही राजा ने अपना सर शर्म के मारे झुका लिया फिर राजा ने वजीर की सजा को माफ कर दिया।
और राजा ने फिर से वजीर को उनकी पोजीशन वापस दे दी राजा ने कहा तुम एक ईमानदार हो तुम अपना काम फिर से करो, और उन सभी मंत्रियों को जिन्होंने तुम्हारे खिलाफ गलत प्रूफ दिया था, मैं इनको तुम्हारे हवाले करता हूं और वजीर चाहता तो इन सभी को मौत की सजा दे सकता था, लेकिन वजीर ने इन सभी मंत्रियों को माफ कर दिया।
वजीर के माफ करने की वजह से राजा के नजरों में और ऊपर उठ गया अगर वजीर मासूमियत से पहले से ही अगर राजा को बताता कि नहीं मैंने यह नहीं किया है, मैं ऐसा आपके बारे में नहीं सोचता हूं तो शायद अभी वजीर जिंदा नहीं रहता लेकिन वजीर ने अपने Word से नहीं अपने एक्शन दिखा कर, यह साबित किया कि मैं गलत नहीं हूं दोस्तों आप भी कभी बोलने से पहले एक बार एक्शन करके देखो आप भी कामयाब जरूर होंगे।
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