कई सालो पहले सेथकूँड़ नाम का एक नगर हुवा करता था जहा पे एक राम नाम का किसान था। वह दूसरे जमींदार के खेत में काम करके अपना घर चला रहा था।
इससे पहले राम के पास भी अपने खुद के खेत थे, लेकिन जब उसके पीता जी बीमार पड़े थे तब उसके मजदूरी से जो पैसा मिल रहा था |
उससे पीता का इलाज भी नहीं हो पा रहा था इसी कारन उसने अपने सभी खेत बेच दिए थे।
हर दिन राम के मन में एक ही सवाल रहता था की वह किस तरह से पाने की परिस्तिति को कैसे बहेतर कर सकता है यही सोच के आज भी वह जमींदार के खेतो में काम करने चला गया।
और जब वह खेतो में खुदाई कर रहा था उस समय उसे खुदाई करते वक़्त जमीं से एक पतीला मिला वह उस पतीला को देख के दुखी हो गया।
राम के मन में था की उसे इसके बदले काश सोना चांदी मिल जाता तो आज सब ठीख हो जाता। उसने गुस्से से पतीला को साइड में फेका और उसके ऊपर एक टोकरी भी फेक दी।
अचानक जब टोकरी उस पतीले में गिरी तो उसमे से बहुत सारे टोकरी बाहर निकलने लगे यह देख के राम हैरान हो गया, और उस पतीले को अपने साथ घर लेकर चला आया।
और घर आते ही उसने उस पतीले में कुछ सामान जैसे लोहे का कोई भी औजार डालना शुरू कर दिया |
और ऐसे करते करते उसके पास बहुत सरे लोहे के इजार हो गयी, और वह उसे बाजार जाकर बेचने लगा।
ऐसा करते करते राम के घर की हालत पहले से काफी अच्छे होने लगी इस तरीके से राम ने बहुत सारे पैसे भी कमाए और अपने पीता का इलाज भी करवा लिया।
राम ने कुछ सोने के गहने खरीद लिए और एक दिन राम ने कुछ गहने को पतीले में दाल दिया, वो गहने बहुत सारे हो गए इस तरह से राम गांव के और किसानो से भी ज्यादा आमिर होने लग गया।
और उसने जमींदार के वह से मजदूरी करना छोड़ दिया था, किसान राम को जब जमींदार ने आमिर होते हुए देखा तो उसे राम पर सक हुवा। और सीधे राम के घर पहुंच गया।
वह जाकर उसे जब जादुई पतीले के बारे में पता चला, तब जमींदार ने राम पूछा तुमने यह पतीला कहा से और किसके घर से चुराया है।
तब राम डरते हुए जमींदार से बोलता है साहब ये पतीला मेने चुराया नहीं है | मुझे तो खेत में खुदाई करते समय मिला और में अपने घर इस पतीले को ले आया।
यह बात जब जमींदार ने सुनी तो उसने राम से कहा यह पतीला तो मेरे खेत में मिला |
तो अब यह मेरा हुवा तब राम ने बहुत मिन्नते की इस पतीले को मेरे से मत लो लेकिन जमींदार ने उसकी एक न सुनी और पतीला लेकर चला गया।
जमींदार ने भी राम के जैसे उस पतीले में बहुत सारा सोने के गहने डालना शुरू कर दिया, और रातो रात जमींदार बहुत ज्यादा आमिर बन गया।
जमींदार जब बहुत ज्यादा अमीर हो गया तो, उसके अमीर होने की खबर सेथकूँड़ नगर के राजा को हो गयी|